प्रकाशित - 31 May 2024
भीषण गर्मी के बीच राहत भरी खबर आई है। लंबे इंतजार के बाद आखिर मानसून 2024 (Monsoon 2024) अपने निर्धारित समय से दो दिन पहले ही केरल पहुंच गया है। इसके साथ ही मानसून ने केरल सहित 8 राज्यों में अपनी एंट्री कर ली है। मौसम विभाग के अनुसार आम तौर पर मानसून एक जून तक केरल पहुंचता है और इसके बाद 5 जून तक पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में प्रवेश करता है। लेकिन इस बार मानसून समय से पहले ही आ गया है और केरल में अपने निर्धारित समय से दो दिन पहले और पूर्वोत्तर राज्यों में समय से 6 दिन पूर्व ही प्रवेश कर लिया है।
बता दें कि मौसम विभाग ने मानसून के 30-31 मई तक केरल पहुंचने की संभावना जताई थी, लेकिन इससे पहले ही मानसून की केरल में एंट्री हो गई है। यदि बात करें मानसून के खेती पर प्रभाव की तो बताया जा रहा है कि इस साल का मानसून खेती के लिए लिहाज से काफी अच्छा है। ऐसे में किसान खरीफ सीजन में बेहतर उत्पादन की उम्मीद कर सकते हैं। आइये जानते हैं, देश में समय से पहले मानसून की एंट्री और इसके खेती पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल और माहे में प्रवेश कर गया है। इसके अलावा पूर्वोत्तर राज्यों में मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश को मानसून ने पूरी तरह से कवर कर लिया है। इसी के साथ त्रिपुरा, मेघालय और असम के अधिकांश हिस्सों में मानसून का प्रवेश हो गया है। इसके अलावा मानसून ने लक्षद्वीप के कुछ भागों, दक्षिणी अरब सागर और मध्य अरब सागर के साथ ही दक्षिणी तमिलनाडु में भी प्रवेश कर लिया है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून की स्थिति अभी उत्तरी सीमा अमिनी, कन्नूर, कोयंबटूर, कन्याकुमारी, अगरतला एवं धुबनी में बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई है।
सामान्यत: मानसून 5 जून तक केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा और पूर्वोत्तर के राज्यों को कवर करता है, लेकिन इस बार समय से पहले आने के साथ ही मानसून ने कुछ राज्यों को पहले ही कवर कर लिया है। मानसून 10 जून तक महाराष्ट्र, तेलंगाना और 15 जून तक गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार राज्यों में पहुंचता है। वहीं राजस्थान में मानसून 25 जून तक एंट्री करता है। यदि स्थितियां अनुकूल रही तो इन राज्यों में भी मानसून समय से पहले पहुंच सकता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार मानसून 2024 के दौरान देश में औसत से 106 प्रतिशत ज्यादा बारिश होने का अनुमान है, जो सामान्य से 4 प्रतिशत अधिक है। ऐसे में इस साल सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। क्षेत्रवार बारिश के पूर्वानुमान के अनुसार मध्य और दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में 106 प्रतिशत से अधिक बारिश हो सकती है। वहीं उत्तर पश्चिम भारत में सामान्य बारिश (92 से 108 प्रतिशत) हो सकती है। इसके अलावा पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश (<94) की संभावना है। मानसून का कोर जोन, जो देश के अधिकांश वर्षा-आधारित कृषि क्षेत्र को कवर करता है, वहां भी 106 प्रतिशत से अधिक बारिश होने की संभावना है।
किसानों को मौसम विभाग के पूर्वानुमान और चेतावनियों का पालन करना चाहिए ताकि वे संभावित समस्याएं जैसे- बाढ़, लू, आंधी जैसी विषम स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रह सकें। मौसम विभाग की रिपोर्ट अनुसार देश के अधिकांश भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है जो खेती के लिए लाभकारी बताई जा रही है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और लू जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी खरीफ फसल बुवाई की योजना बनाएं और जल संसाधनों का बेहतर तरीके से प्रबंधन करें ताकि खरीफ फसलों का बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सके।
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