प्रकाशित - 26 Apr 2023
देश में किसान, अपनी आय में वृद्धि के लिए औषधीय या नकदी फसलों की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। खरबूजा एक ऐसा फसल है जो सब्जी और फल दोनों के काम आते हैं। देश भर में खरबूजे की भारी मांग है। फल और सब्जी के अलावा खरबूजे की बीज की भी भारी मांग है। इसी मांग को समझते हुए मध्यप्रदेश के एक युवा किसान ने इस फसल की खेती कर ऐसा कारनामा किया है कि उनके हुनर से आसपास के किसान बेहद प्रभावित हुए हैं। दूसरे युवक भी इस किसान से खरबूजे की खेती का तरीका सीख रहे हैं। इस युवा किसान का नाम शिव शर्मा है। शुरूआत में शिव ने 35 बीघे में खरबूज की खेती की, जिससे लाखों रुपए की कमाई हुई। खास बात ये भी है कि इस किसान ने 45 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष रुप से रोजगार दे रखा है। शिव ने बताया कि जब हमने खरबूजे की खेती शुरू की थी तो लोग मजाक उड़ा रहे थे। लेकिन अब आमदनी होने लगी है तो सब चुप हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में आज हम इसी युवा किसान के सफलता की कहानी बता रहे हैं जो देखते ही देखते खरबूजे की खेती में माहिर होता चला गया और आज महीने में ही लाखों की कमाई कर पा रहा है।
बता दें कि 27 वर्षीय इस युवा किसान शिव शर्मा ने खरबूजे की खेती की शुरुआत 35 बीघे से की। जिसमें उसे लाखों की कमाई हुई। इससे शिव शर्मा को और ज्यादा कॉन्फिडेंस आया और फिर उसने 50 बीघे में खरबूजे की खेती शुरू की। लेकिन इस साल शिव ने 120 बीघे में खरबूजे की खेती की और मात्र दो महीने में सभी खर्च को काट कर 18 लाख रुपए का मुनाफा कमाया। अभी 50 मजदूर हर दिन खेतों में काम कर रहे हैं। आज आस-पास के कई किसान शिव के पास आ रहे हैं और खरबूजे की खेती का टिप्स ले रहे हैं।
खरबूजे की खेती से शिव 120 बीघे की खेती में हर महीने 9 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा तैयार कर रहे हैं। मार्केट में खरबूजे का बीज 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है। अगर आप फल और सब्जियों के रूप में खरबूजे की खेती करना चाहते हैं तो नकदी के रूप में कर सकते हैं। लेकिन शिव शर्मा बताते हैं कि फल और सब्जी की अपेक्षा उन्हें खरबूजे के बीज से ज्यादा कमाई हो पाती है। हालांकि जो भी किसान इस फसल की खेती करना चाहते हैं, आसपास के बाजार मांग को ध्यान में रख कर ही करें। वहीं सामान्य किसान के कमाई की बात करें तो अगर छोटे किसान इस खेती को करना चाहें, तो एक बीघे में 2 महीने में 15 हजार रुपए की कमाई कर सकते हैं।
खरबूजे की खेती के घनी और पानी को रोकने वाली मिट्टी की जरूरत होती है। इस खेती के लिए आवश्यक मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए। तापमान की बात करें तो 25 से 35 डिग्री के तापमान वाले गर्मियों के मौसम में इसकी बुआई उचित होती है। बुआई का सबसे अच्छा समय फरवरी से मार्च और जुलाई से अगस्त के बीच होता है। वहीं सिंचाई की बात करें तो हर 8 दिन पर इसे दो बार की हल्की सिंचाई की जरूरत होती है। पानी के अधिक उपयोग से बचें। आम तौर पर 70 से 80 दिनों के अंदर फसल तैयार हो जाती है। इस फसल में खाद और उर्वरक का भी बड़ा महत्व है। उर्वरक की मात्रा मिट्टी की गुणवत्ता को देखते हुए थोड़ा बहुत कम ज्यादा हो सकती है। आमतौर पर जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं और एनपीके उर्वरक का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि खेती करने से पहले मिट्टी की जांच और नजदीकी कृषि सलाहकार से सलाह जरूर लें।
खरबूजे के बीज की मार्केट डिमांड काफी अधिक है। इसे आयुर्वेदिक औषधि, डेकोरेटिव प्रोडक्ट्स आदि के निर्माण के अलावा खरबूजे के बीज से तेल और साबुन भी बनाया जाता है। खाने पीने के लिए भी इसका व्यापक उपयोग किया जाता है, धूप में सुखा कर या तवे पर तल कर इसे स्नैक्स के तौर पर खाया जाता है। रायता और चटनी बनाने में भी खरबूजे के बीज का उपयोग किया जाता है। यही वजह है कि उच्च मांग की वजह से खरबूजे के बीज को मार्केट में 25 हजार रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाता है।
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