प्रकाशित - 27 Jul 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी अपने स्तर पर नई-नई योजनाएं शुरू कर रही है ताकि किसानों को इसका लाभ पहुंचे। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से पशुपालन करने वाले किसानों के लिए एक बेहतर योजना लाई जा रही है। इस योजना के तहत पशुपालक यदि 10 से अधिक गायों का पालन करता है तो उसे सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। वहीं गाय के दूध पर भी बोनस दिया जाएगा। इस तरह किसान गाय पालकर सरकारी अनुदान का लाभ उठा सकेंगे।
केंद्र के साथ ही राज्य सरकार प्राकृतिक खेती व जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। केंद्र सरकार के बजट 2024 - 25 में भी प्राकृतिक खेती से किसानों को जोड़ने की घोषणा की गई। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार अपने यहां प्राकृतिक व जैविक खेती पर जोर दे रही है। राज्य सरकार जल्द ही एक ऐसी योजना लाने वाली है जिससे पशुपालक किसानों को दुगुना मुनाफा होगा और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। इस योजना की घोषणा जल्द की जाएगी।
सरकार की ओर से किसानों को खेती के साथ पशुपालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी हो सके। जैसा कि गाय से गोबर और दूध दोनों मिलता है। किसान गोबर से प्राकृतिक या जैविक खाद बनाकर उसका उपयोग खेती में कर सकते हैं। वहीं गाय के दूध को बेचकर पैसा कमा सकते हैं। इस तरह गाय पालन करके किसान दुगुना लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य सरकार की इस नई योजना से पशुपालकों को तो लाभ होगा ही उनकी इनकम बढ़ेगी। वहीं सड़क पर आवारा घूमने वाली गायों से भी निजात मिलेगी। हाल ही में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आत्मनिर्भर पंचायत, समृद्ध मध्यप्रदेश कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में पशुपालको के हितों को ध्यान में रखते हुए और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से पशुपालन से संबंधित नई योजना की शुरुआत की जाएगी। इस पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है। इस योजना को शुरू करने से राज्य में दूध का उत्पादन बढ़ेगा और पशुपालक किसानों की आय भी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो गाये खुले में घूमती हैं उनके लिए राज्य सरकार गोशाला बनाएगी। जो गाय बूढ़ी है, अपाहिज है या लावारिश है और ठीक से चल फिर नहीं पाती है और उनके मालिक भी उन्हें अपने घर नहीं ले जाते हैं। ऐसी गयों के लिए सरकार की ओर से गोशालाओं का निर्माण किया जाएगा। उन गायों का खानपान का खर्च सरकार उठाएगी। मोहन यादव ने कहा कि इस राज्य में गोशाला में प्रति गाय का खर्च 20 रुपए प्रतिदिन दिया जाता है। लेकिन राज्य सरकार इस राशि को बढ़ाकार दुगुना करेगी। अब गोशालाओं को प्रति गाय 40 रुपए दिए जाएंगे ताकि गायों के पालन पोषण में कोई परेशानी नहीं आए।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गाय के बूढ़ी होने पर किसान उसे पालते नहीं है और उसे छोड़ देते हैं, ऐसे किसानों को राज्य सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करेगी ताकि वे बूढ़ी गायों को खुले में नहीं छोड़े और उनके पालन पोषण के प्रति आकर्षिक हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो किसान 10 गायों से अधिक गाय पालेगा उसे सरकारी अनुदान दिया जाएगा। साथ ही जिस तरह गेहूं व धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर खरीद पर बोनस दिया जाता है। उसी तरह दूध की खरीद पर भी बोनस दिया जाएगा। इससे अधिक से अधिक किसान पशुपालन की ओर आकर्षिक होंगे।
मध्यप्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रति माह देसी गाय के रखरखाव, चारे के लिए 900 रुपए प्रतिमाह दिया जाता है। इस योजना का लाभ उन्हीं किसानों को दिया जाता है जिनके पास देसी गाय है और प्राकृतिक खेती कर रहे हों। प्राकृतिक खेती से तात्पर्य ऐसी कृषि से है जिसमें यूरिया, डीएपी, कीटनाशक आदि रसायनों का प्रयोग नहीं करते हुए पूर्ण रूप से प्राकृतिक खाद जैसे- गोबर खाद, गौमूत्र से जीवामृत आदि बनाकर खेती की गई हो। जो किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और अन्य किसानों को प्रशिक्षण देते हैं उन्हें 1000 रुपए प्रतिमाह अलग से प्रदान किया जाता है। इसके लिए प्रत्येक जिलों में 100-100 गांवों को चिह्रित किया जाता है। प्रत्येक गांव में से 5 प्राकृतिक कृषि करने वाले किसानों का चयन किया जाता है। चयनित किसानों को गौ-पालन के लिए अनुदान दिया जाता है।
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