प्रकाशित - 16 May 2024
अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन आज पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है, लेकिन कार्बन फार्मिंग (Carbon Farming) किसानों के लिए खेती से आय बढ़ाने के नए दरवाजे खोल रहा है। कार्बन फार्मिंग से किसान न सिर्फ अपनी आय बढ़ा सकते हैं, बल्कि इससे अपनी मिट्टी की उर्वरता में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं। यही वजह है कि अब दुनियाभर में इस खेती के प्रति किसान आकर्षित हो रहे हैं और कार्बन फार्मिंग का उपयोग कर अपनी आय बढ़ा रहे हैं। भारतीय किसानों के लिए भी यह एक बड़ा अवसर है, जहां देश दुनिया में कार्बन खेती से पैदा होने वाले ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है वहीं भारतीय किसान इन मांगों को पूरा कर अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। देखा जाए तो जैविक खेती से पैदा हुए उत्पादों के दाम भी दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। जैविक उत्पादों की कीमतों में यह वृद्धि दुनियाभर में देखने को मिल रही है। लोग अपने स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए जैविक उत्पादों को अपना रहे हैं।
चलिए इस कार्बन खेती के तरीकों और इसके महत्व को समझते हुए इस क्षेत्र में भारतीय किसानों के लिए खुल रहे अवसर की विस्तार से चर्चा करते हैं।
कार्बन फार्मिंग (Carbon Farming) एक ऐसा तरीका है जिसमें किसान खेतों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन को कम करते हैं और कृषि के माध्यम से मिट्टी में कार्बन की मात्रा को भी बढ़ाते हैं। इन दोनों प्रक्रिया को पूरा करना ही एक सफल कार्बन खेती माना जाता है।
इस खेती के कई लाभ हैं जैसे यह वातावरण में ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करता है, साथ ही मिट्टी को भी ज्यादा कार्बनिक बनाता है और मिट्टी की उत्पादकता को बेहतर बनाता है।
कार्बन फार्मिंग के महत्व की बात करें तो आंकड़ों के माध्यम से हम इसे स्पष्ट करना चाहेंगे कि दुनिया भर में जितना भी ग्रीन हाउस गैस (CO2) का उत्सर्जन होता है, उसमें एक तिहाई हिस्सा यानी 33% योगदान मिट्टी से उत्सर्जित कार्बन का होता है। यही वजह है कि दुनिया भर की सरकारें कार्बन फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है ताकि कार्बन चक्र को संतुलित रखा जा सके। यह तो इसका पर्यावरणीय महत्व है लेकिन इस खेती से किसानों को शुद्ध और स्वच्छ कृषि उत्पाद मिलता है जो मार्केट में ज्यादा भाव में बिकता है। इसलिए इस खेती का इकोनॉमिक इंपैक्ट भी हैं।
कार्बन फार्मिंग के माध्यम से भारतीय किसान दुनिया को रास्ता दिखाने में सक्षम है। जलवायु परिवर्तन और ग्रीन हाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन फार्मिंग जहां बेहद महत्वपूर्ण है वहीं भारतीय किसानों के लिए यह एक बड़ा अवसर भी है। भारतीय किसान कार्बन खेती करते हुए बहुआयामी लाभ हासिल कर सकते हैं। दुनिया भर में कार्बनिक खेती से पैदा हुए उत्पादों की मांग बढ़ी है। लोग अब केमिकल युक्त खाने पीने की चीजों से बचना चाह रहे हैं। भारतीय किसान और सरकार कार्बनिक खेती से पैदा हुए उत्पादों की सही ब्रांडिंग करते हुए दुनिया भर में इसकी मांग तेजी से विकसित कर सकते हैं। इस अवसर का फायदा आने वाले समय में देश को बढ़ते एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट के तौर दिखेगा और किसानों की आय में काफी वृद्धि होगी।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों जॉन डियर ट्रैक्टर, महिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।
Social Share ✖