प्रकाशित - 16 Jul 2023
खेती में अच्छी और उपजाऊ मिट्टी का होना किसानों की बेसिक जरूरत होती है। लेकिन भागदौड़ भरी जिंदगी की जरुरतों को पूरा करने के लिए खेती में जल्दी और अधिक उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में कृषि में रासायनिक खाद का इतना उपयोग किया जाता है कि मिट्टी की उर्वरक क्षमता काफी प्रभावित होती है। यही वजह है कि बड़े स्तर पर खेत लगातार बंजर हो रहे हैं। बहुत सारे किसान खेतों की घटती उर्वरता से परेशान हैं और उन्हें अपने मृदा की उर्वरता बढ़ाने को लेकर चिंता रहती है। मिट्टी की गुणवत्ता में लगातार हो रही कमी को लेकर बहुत से किसान तरह-तरह के उपाय करते हैं ताकि उनके खेतों में लगातार अच्छी पैदावार हो सके। अक्सर किसान भाइयों का सवाल होता है कि वे,
तो इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में किसान भाइयों को मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी करने के लिए 8 टिप्स की जानकारी दी जा रही है। ताकि मिट्टी को उपजाऊ बनाकर खेती से अच्छी पैदावार हासिल की जा सके।
आधुनिक खेती में लगातार रसायनों और कीटनाशकों के प्रयोग ने मिट्टी की गुणवत्ता को कम किया है। ज्यादा उत्पादन के लिए मिट्टी में अंधाधुंध रसायनिक खाद डाला जा रहा है। लेकिन इस होड़ में बहुत सारे किसान अपने खेत की मिट्टी को अनुपजाऊ बना रहे हैं। धीरे धीरे मिट्टी की गुणवत्ता का क्षरण हो रहा है। इसलिए यदि खेत से लंबे समय तक अच्छी पैदावार लेनी है तो मिट्टी की देखभाल और मिट्टी के स्वास्थ्य की अच्छी देखभाल करना जरुरी है। मिट्टी में केंचुए एवं कई सूक्ष्म जीव पाए जाते हैं जिन्हें कीटनाशक और रसायनों की वजह से नुकसान पहुंचता है और एक समय के बाद मिट्टी से ये सभी सूक्ष्म जीव खत्म हो जाते हैं और खेत से पैदावार कम होने लगती है और एक समय के बाद खेत बंजर होने लगते हैं।
मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी करने के लिए किसानों को कुछ उपाय अपनाने चाहिए। इससे मिट्टी की गुणवत्ता सुधरेगी। कहा गया है कि मिट्टी किसान की पहचान होती है। मिट्टी के महत्व को देखते हुए ही सरकार भी लगातार मिट्टी के प्रति किसानों को जागरूक कर रही है और मृदा के लिए स्वास्थ्य कार्ड भी जारी कर रही है। मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए 8 उपाय बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं।
मिट्टी की जांच करवा कर ही मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा का सही अंदाजा लगाया जा सकता है, कि मिट्टी में अभी पोषक तत्वों के मामले में कितना सुधार किया जा सकता है। इसके अलावा मिट्टी की जांच के बाद ही पता चलेगा कि उर्वरकों का कितना उपयोग किया जाना है। इसके लिए किसान अपने नजदीकी कृषि सलाहकार या फसल विशेषज्ञ से संपर्क करें और मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट के अनुसार उनसे सही सुझाव लें।
उर्वरक का कितना उपयोग किस फसल में किया जाना है, इसका सुझाव नजदीकी फसल विशेषज्ञ से लें। सिर्फ एक फसल नहीं बल्कि पूरे फसल चक्र में उर्वरक प्रबंधन को अपनाएं। उर्वरक प्रबंधन की मदद से मृदा की गुणवत्ता को 40 से 50% तक क्षीण होने से बचाया जा सकता है।
फसल चक्र में हरी घास एवं दलहनी पौधों का उचित समावेशन किया जाना जरूरी है। दलहनी पौधों में दाल का उत्पादन कर किसान अच्छा मुनाफा तो कमा ही सकते हैं। साथ ही इन पौधों की मदद से किसान मिट्टी में नाइट्रोजन की पर्याप्त आपूर्ति भी कर सकते हैं। दलहनी पौधों की जड़ों में एक खास प्रकार के जीवाणु होते हैं जो वायुमंडल से नाइट्रोजन का अवशोषण करते हैं, इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की पर्याप्त आपूर्ति की जा सकती है। फसलों के अवशेष को भी सही तरह से प्रबंधित करें, फसल अवशेष से कार्बनिक खाद का निर्माण कर खेतों में ही डालें। जैसे अगर किसान खेत में हरी घास के रूप में मूंग की खेती करते हैं तो मूंग की उपज से अच्छी खासी पैदावार ली जा सकती है। मूंग की पत्तियों और तनों को जमीन में ही दबाकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है।
खेतों में जैविक उर्वरक के उपयोग को बढ़ाएं। दलहनी पौधों में तो जैविक उर्वरक का उपयोग अवश्य करें। 5 टन जैविक उर्वरक 1 हेक्टेयर जमीन के लिए पर्याप्त मानी जाती है। जैविक उर्वरक का उपयोग कर जमीन की उर्वरा शक्ति या मिट्टी की गुणवत्ता और स्वास्थ्य (soil quality and health.) को काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। इसलिए हर साल खेतों में जैविक उर्वरक का उपयोग करें और मृदा स्वास्थ्य को देखते हुए विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार कम से कम रसायनिक उर्वरक को उपयोग में लाएं।
रासायनिक उर्वरकों का उपयोग संतुलित रूप से किया जाना जरूरी है। कई बार किसान बिना मृदा की जांच करवाए और बिना जांच रिपोर्ट के उत्पादन बढ़ाने के लिए अनावश्यक रूप से कई प्रकार के खाद और सप्लीमेंट का इस्तेमाल करते हैं। अनावश्यक रूप से मिट्टी में खाद देने की वजह से खेतों में पोषक तत्वों में एक प्रकार से असंतुलन होता है। इससे भी उत्पादन प्रभावित होती है। इसलिए मृदा स्वास्थ्य जांच हर 2 साल पर या कृषि सलाहकार के सुझाव पर करवाएं। जांच के आधार पर ही संतुलित रूप से न्यूनतम खाद एवं उर्वरक का इस्तेमाल करें।
खेतों में समन्वित पोषक तत्व के प्रबंधन को अपनाएं। उर्वरक के साथ गोबर खाद, हरी खाद, सप्लीमेंट्स, जैविक उर्वरकों आदि का उचित समावेशन किया जाए।
पराली एवं फसल अवशेषों को जलाया जाना मिट्टी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। इसलिए फसल अवशेष को जलाने की जगह उसे मिट्टी में दबा दें ताकि फसल अवशेष सड़ कर खाद बने और खेत की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी हो।
उर्वरकों को सही समय, सही विधि से और सही साधनों के माध्यम से उपयोग किया जाना काफी अच्छा माना जाता है। उर्वरक को सही विधि से देने और सही साधनों के माध्यम से खेतों में डाला जाना उत्पादन के लिए प्रभावी होता है। मैनुअली या मशीन के माध्यम से खेतों में प्रभावी तरीके से उर्वरक डाला जा सकता है। ट्रैक्टर के माध्यम से बिजाई करने वाली मशीनों से भी खाद डाला जा सकता है। इससे खेतों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है।
FAQ :
प्रश्न : मिट्टी को उपजाऊ कैसे बनाएं या खेत की उर्वरा शक्ति कैसे बढ़ाएं ( how to increase the fertility of the farm or how to make soil fertile.)
उत्तर : मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए किसानों को कई फैक्टर्स पर ध्यान देना होगा। जैसे खेतों में खाद एवं उर्वरक का संतुलित उपयोग, गोबर खाद, हरी खास और जैविक उर्वरकों को उपयोग में लाकर मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
प्रश्न : मिट्टी की जांच कैसे करें या मिट्टी की जांच कैसे करवाएं ( how to test soil or How to get soil tested.)
उत्तर : मिट्टी की जांच के लिए आजकल मार्केट में कई उपकरण आए हैं। मिट्टी की जांच के फायदे यह है कि इससे किसानों को मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का सही अंदाजा हो पाता है। किसान इस तरह मिट्टी में उपयुक्त पोषक तत्वों की मात्रा उसकी जरूरत के अनुसार डाल सकते हैं। मिट्टी की जांच करने के लिए किसान नजदीकी कृषि विभाग में संपर्क कर सकते हैं।
प्रश्न : खेत को उपजाऊ कैसे बनाएं या मिट्टी की उर्वरा शक्ति कैसे बढ़ाएं ( how to make field fertile or how to increase soil fertility.)
उत्तर : खेत को उपजाऊ बनाने या मिट्टी को उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए कुछ चीजों का ध्यान रखें। जैसे : उचित फसल अवशेष प्रबंधन, उर्वरक का सही विधि और उचित मात्रा में उपयोग, जैविक खाद (Organic Fertilizer) का उपयोग, पोषक तत्वों का प्रबंधन आदि।
प्रश्न : मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को कैसे दूर करें ( How to overcome the lack of nutrients in the soil.)
उत्तर : मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए सर्वप्रथम मिट्टी की जांच कराएं। मिट्टी की जांच के लिए सरकार द्वारा कई मिट्टी जांच योजना या सॉइल हेल्थ स्कीम चलाई गई है। इसके तहत सरकार आपके मिट्टी की गुणवत्ता का सही रिकॉर्ड रखती है। जांच रिपोर्ट के अनुसार एक्सपर्ट की मदद से मिट्टी को सही पोषण देने के लिए उचित सप्लीमेंट्स और जैविक उर्वरक का उपयोग करें।
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