प्रकाशित - 12 Jun 2023
इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। इससे मनुष्य ही नहीं जानवर भी प्रभावित हो रहे हैं। गर्मियों में खाने में अरूचि होने से कम खाना खाने में आता है। ऐसा हमारे साथ ही नहीं होता बल्कि जानवर भी गर्मियों में कम चारा खाना शुरू कर देते हैं जिसका दूध की मात्रा पर प्रभाव पड़ता है। गाय हो या भैंस गर्मियों में सर्दियों की अपेक्षा कम दूध देना शुरू कर देती है। ऐसे में पशुपालकों का लाभ कम होने लगता है। दुधारू पशुओं द्वारा कम दूध देने की शिकायत को लेकर पशुपालक परेशान रहते हैं। कई पशुपालक ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में पशुओं को इंजेक्शन देना शुरू कर देते हैं जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर विपरित असर पड़ता है और दूध की क्वालिटी में भी अंतर आ जाता है। ऐसे में पशुपालकों को गाय का दूध बढ़ाने के प्राकृतिक उपाय जिसमें घरेलू चीजों के इस्तेमाल से बनी दवाई का प्रयोग करना चाहिए। इससे दूध उत्पादन तो बढ़ेगा ही साथ ही पशु के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। खास बात यह है कि यह सब चीजें आपको आसानी से बाजार में मिल जाएंगी।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको गाय, भैंसे का दूध बढ़ाने के घरेलू उपायों की जानकारी दे रहे हैं।
यदि गाय भैंस के चारे में लहसुन को मिला दिया जाए तो पशुओं का दूध बढ़ जाता है। वैज्ञानिक प्रमाण के आधार पर ऐसा बताया जाता है कि यदि पशुओं को चारे में लहसुन को मिलाकर पशुओं को खाने के लिए दिया जाए तो वह जुगाली करते समय जो मुंह से जो मीथेन गैस छोड़ती हैं, वे कम छोड़ेगी। इससे ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायता मिलेगी। ऐसा वैज्ञानिकों का मानना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ग्लोबल वार्मिंग को प्रभावित करने वाली मीथेन गैस का 4 प्रतिशत हिस्सा पशुओं की जुगाली के दौरान मुंह से निकलने वाली गैसों का है। यदि पशुओं को उनके चारे में लहसुन मिलाकर खाने के लिए दिया जाए तो वे कम मात्रा में मीथेन गैस का उत्सर्जन करेगी जिससे ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायता मिलेगी।
पशु की डिलीवरी के 4-5 दिन के बाद पशु को लहसुन का काढ़ा पिलाना चाहिए। इससे भी दूध की मात्रा बढ़ जाती है। इसके लिए 125 ग्राम लहसुन, 125 ग्राम चीनी या शक्कर और 2 किलो ग्राम दूध को मिलाकर पशु को दें। इससे पशु की दूध देने की क्षमता बढ़ जाएगी।
लहसुन के अलावा पशुओं को जई का चारा भी खिलाया जा सकता है। ये भी उतना ही पोष्टिक होता है जितना लहसुन। इसके प्रयोग से भी पशुओं की दूध देने की मात्रा बढ़ जाती है। इसमें क्रूड प्रोटीन की मात्रा 10-12 प्रतिशत होती है। जई से हे या साइलेज भी बनाया जा सकता है। इससे आप लंबे समय तक पशुओं को खिला सकते हैं।
गाय भैंस से ज्यादा दूध प्राप्त करने के लिए हम आपको कुछ घरेलू दवा बनाने के बारें में बता रहे हैं जिसका दुधारू पशु पर कोई विपरित प्रभाव नहीं पड़ेगा। दवा बनाने की विधि इस प्रकार से है
दवा के लिए आवश्यक सामग्री व उसकी मात्रा
उपरोक्त सभी चीजों को देसी घी में उबालकर इसका एक किलो काढा बनाकर पशु को खिलाएं, इस दवा के सेवन से पशुओं की पाचन शक्ति बढ़ेगी। इससे उन्हें भूख ज्यादा लगेगी। जब पशु ज्यादा खाता है जो उसका दूध देने की मात्रा भी बढ़ जाती है।
आधा किलो सफेद जीरा और एक किलो सौंफ को पीस कर रख लें। अब रोजाना इसकी एक या दो मुट्ठी मात्रा आधा किलो दूध के साथ पशुओं दें। इससे पशु के दूध देने की मात्रा बढ़ जाएगी।
उपरोक्त दवा के अलावा पशुपालक आयुर्वेदिक में उपयोग में लाई जाने वाली जड़ी बूटियां जैसे- मूसली, शतावरी, भाकरा, पलाश और कम्बोजी आदि को भी मिलाकर पशु को दे सकते हैं।
विशेष- उपरोक्त दिए गए घरेलू नुस्खे या उपायों को अपनाने से पहले एक बार पशु चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। आपको सलाह दी जाती है कि किसी भी दवा या नुस्खे का इस्तेमाल पशु चिकित्सक की देखरेख में ही करें।
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