यूजर प्रोफाइल

नया उपयोगकर्ता

ट्रैक्टर जंक्शन से जुड़ें

गाय, भैंस को खिलाएं ये हरी घास, 25 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ जाएगा दूध का उत्पादन

प्रकाशित - 09 May 2023

जानें, कौनसी है ये घास और इससे कैसे बढ़ाया जा सकता है पशुओं का दूध

दूधारू पशुओं गर्मियों में कम दूध देने लग जाते हैं। कई पशुपालक इस बात की शिकायत करते हैं कि उनका पशु कम दूध दे रहा है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इसमें आहार संबंधी कारण प्रमुख है। गाय, भैंस जैसे दुधारू पशुओं के आहार पर विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इनके लिए सर्दियों व गर्मियों में अलग-अलग आहार की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि दूध के उत्पादन में कमी न आ पाए। इसके अलावा पशुओं का रहने का आवास, पशु की स्वच्छता का ध्यान आदि कई ऐसी बाते हैं जो दुधारू पशु (dailry animal) के दूध की मात्रा पर प्रभाव डालती हैं। गर्मियों में पशुओं को हरा चारा खिलाना बेहद जरूरी होता है। हरे चारे में कई ऐसे चारे हैं जिनसे पशु के दूध देने की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। इन्हीं में से एक बहुत ही अच्छा चारा अजोला माना गया है जिसे खिलाने से पशुओं में दूध की मात्रा को 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको पशुओं का दूध बढ़ाने के लिए हरे चारे के रूप में अजोला घास (Azolla Grass) के प्रयोग के बारें में जानकारी दे रहे हैं। तो आइये जानते हैं क्या है अजोला और इससे कैसे उगाया जा सकता है।

क्या होता है अजोला (What is Azolla?)

अजोला एक जलीय फर्न है जो जल की सतह पर मुक्त रूप से तैरती है। यह छोटे-छोटे हरे गुच्छे की तरह तैरती और फैलती है। अजोला कम लागत में पशुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है। शुष्क भार के आधार पर इसमें 25 से 35 प्रतिशत प्रोटीन, 10-12 प्रतिशत खनिज पदार्थ एवं 7-10 प्रतिशत अमीनो अम्ल पाया जाता है। यह शीघ्र बढ़ने वाली घास होती है जो बुवाई के करीब 8 से 10 दिनों में ही तैयार हो जाती है। भारत में अजोला की दो किस्में अजोला पिन्नाटा एवं एनाबियाना काफी अच्छी मानी गई है। यह अधिक गर्मी सहन करने वाली किस्म है, इसलिए इसका उत्पादन गर्मियों में आसानी से किया जा सकता है।

इसे कैसे उगाया जा सकता है/अजोला उगाने की विधि (How to Grow Azolla?)

अजोला को घर में हौदी बनाकर, तालाब, झीलों, गड्‌ढों ओर धान के खतों में भी अजोला उगाया जा सकता है। किसान इसे टबों और ड्रमों में भी उगा सकते हैं। यदि आप कृत्रिम रूप से अजोला का उत्पादन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए 15 से 20 सेमी के गहरे पानी के गड्‌ढे की जरूरत होगी। इस गड्‌ढे का आकार 4 मीटर लंबा और 1.5 मीटर चौड़ा तथा 20 सेमी. गहरा होना चाहिए। अब इस गड्‌ढे की सहत पर प्लास्टिक शीट बिछा दें जिससे आसपास लगे पेड़ों की जड़े गड्‌ढे में न जाएं। प्लास्टिक के लगे का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि गड्‌ढे में रिसाव द्वारा बाहर का पानी नहीं निकलता है तथा गड्‌ढे का तापमान भी नियंत्रित रहता है। गड्‌ढे में प्लास्टिक शीट बिछाते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्लास्टिक शीट बिछाते समय इसमें परत न पड़े। प्लास्टिक शीट बिछाने के बाद करीब 10 से 15 किलोग्राम छनी हुई मिट्टी समान रूप से पॉलीथीन के ऊपर डाल दें। इसके बाद 5 किलोग्राम गोबर, 20 ग्राम अजोफर्ट या एसएसपी का 10 लीटर पानी में घोल बना लें तथा इस घोल को गड्‌ढे में डाल दें। इसके बाद और अधिक पानी को गड्‌ढे में डालें ताकि पानी का स्तर 8 सेमी तक हो जाए। अब 1 से 2 किलोग्राम ताजा रोगमुक्त अजोला के बीज गड्‌ढे में डाल दें। 7 से 10 दिन बाद अजोला पूर्ण वृद्धि कर लेगा और गड्‌ढा अजोला से भर जाएगा। इस प्रकार करीब 4 वर्ग मीटर के गड्‌ढे से 2 किलोग्राम अजोला प्रतिदिन आपको प्राप्त हो जाएगा। अजोला को प्लास्टिक की चलनी की सहायता से निकला चाहिए ताकि गड्‌ढे का पानी उसमें ही हर जाए। अब निकाले गए अजोला का धो लेना चाहिए ताकि पशु को गोबर की गंध नहीं आए।

अजोला का निरंतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए हर 7 दिन के अंतराल में 2 किलोग्राम गोबर, 25 ग्राम अजोफॉस, 20 ग्राम अजोफर्ट को 2 लीटर पानी में घोलकर गड्‌ढे में डालते रहना चाहिए जिससे अजोला का बेहतर उत्पादन आपको मिल सकें।

किन पशुओं के आहार में इसे किया जा सकता है इस्तेमाल

अजोला एक पौष्ट्रिक आहार होता है इसे गाय, भैंस के लिए हरे चारे के रूप में तो इस्तेमाल किया ही जा सकता है बल्कि इसे बकरी, भेंड, शूकर, मछली और मुर्गियों को खिलाया जा सकता है। इसे ये पशु काफी चाव से खाते हैं।

पशुओं को अजोला खिलाने से क्या होते हैं लाभ (Benefits of Azolla)

  • पशुओं को अजोला खिलाने से उन्हें पोटेशियम, आयरन, कॉपर, मैग्नेशियम जैसे खनिज लवणों की पोषक मात्रा मिलती है। इस तरह से ये उनके लिए पूरक पोषक आहार का काम करता है।
  • पशुओं को अजोला खिलाने से उनक रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है, इससे पशु जल्दी बीमार नहीं पड़ते हैं।
  • अजोला एक स्वादिष्ट घास होने के साथ ही जल्दी पचने वाला आहार भी है। यह हाई प्रोटीन ओर लो लिग्निन वाला आहार है जिसे पशु आसानी से पचा सकते हैं।
  • पशुओं को प्रतिदिन आहार के साथ अजोला खिलाने से शारीरिक वृद्धि के साथ ही दूध उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है।
  • वहीं मुर्गियों के आहार के साथ प्रतिदिन अजोला खिलाने से उनके शारीरिक वजन तथा अंडा उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी होती है।

अजोला के उत्पादन व उपयोग में ये रखें सावधानियां

  • जब तक अजोला का पौधा परिपक्व स्थिति में न जाए तब तक उसका ध्यान रखना चाहिए।
  • गड्‌ढे में पानी का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से कम नहीं होना चाहिए। अधिक तापमान होने पर छप्पर या अन्य साधनों से तापमान को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • जैव पदार्थ को प्रतिदिन या एक दो दिन के अंतराल में गड्‌ढे से बाहर निकाल देना चाहिए ताकि अजोला अधिक घना न हो सके।
  • प्रतिदिन गड्‌ढे में पानी के पीएच मान को चेक करते रहना चाहिए। इसके लिए पीएच मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
  • तीन माह के अंतराल में अजोला की मिट्‌टी एवं पानी को बदल देना चाहिए।
  • इसके बाद गड्‌ढे में पॉलीथीन को निकाल कर साफ कर लेना चाहिए।
  • बीच-बीच में साफ पानी के स्तर कम होने पर गड्‌ढे में पानी डालकर इसका स्तर 5 से 6 इंच तक बनाए रखना चाहिए।
  • अजोला के गड्‌ढे से निकाली गई मिट्‌टी एवं पानी को फेंकने की जगह उसे अपने बाग या खेतों में डाल देना चाहिए। ये आपके लिए बाग व खेत के लिए जैविक खाद के रूप में काम करेगी।
  • कीटनाशक का प्रयोग किए गए गड्‌ढे से निकाले गए जैव पदार्थ को पशुओें के चारे के रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • अजोला का पशु आहार में 10-30 प्रतिशत (उपलब्धता के आधार पर) के बीच दिया जाना चाहिए।

पशु के लिए हरा चारे का महत्व (Importance of Green Fodder)

दुधारू पशुओं को प्रतिदिन दो किलो तक पौष्टिक आहारक की जरूरत होती है। केवल सूखा चारा खिलाकर पशुओं को पूर्ण पोषण नहीं प्राप्त होता है। इसके साथ हरा चारा भी खिलाया जाना अति आवश्यक है। लेकिन हरे चारे की साल भर उपलब्धता नहीं होती है ऐसे में अजोला बहुत ही अच्छा विकल्प है जिसका उत्पादन साल भर बहुत ही कम लागत पर लिया जा सकता है। इससे न केवल पशुओं को साल भर हरा चारा मिल सकेगा। बल्कि अजोला से बची बेकार मिट्‌टी और पानी आपके खेत या बाग के खाद का काम भी करेंगे। इससे आपको दो तरह से लाभ होगा।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों मैसी फर्ग्यूसन ट्रैक्टर, वीएसटी ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

सर्टिफाइड पुराने ट्रैक्टर्स

महिंद्रा 575 डीआई

45 एचपी | 2014 Model | कोटा, राजस्थान

₹ 3,80,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

पॉवर ट्रैक यूरो 50

50 एचपी | 2019 Model | झुंझुनूं, राजस्थान

₹ 4,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

कुबोटा एमयू4501 4WD

45 एचपी | 2022 Model | हनुमानगढ़, राजस्थान

₹ 6,70,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

महिंद्रा युवो टेक प्लस 575

47 एचपी | 2023 Model | उज्जैन, मध्यप्रदेश

₹ 6,50,000
प्रमाणित
icon icon-phone-callविक्रेता से संपर्क करें

सभी देखें