जानें, किस फसल में क्या करें काम ताकि नहीं हो नुकसान
जुलाई का महीना चल रहा है। इस माह सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान लगाया गया है। इसे देखते हुए भारतीय कृषि मौसम परामर्श सेवा बुलेटिन में एक्सटेंडेड रेंज वेदर फॉरकास्ट (ERFS) के आधार पर भारतीय कृषि अनुसंधान परियोजना (AICRPAM) ने एडवाइजरी जारी की है। इसमें केंद्रीय सूखा क्षेत्र कृषि अनुसंधान संस्थान (CRIDA) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के विशेषज्ञों ने राज्य के किसानों के लिए उनकी जलवायु और आगामी बारिश के आधार पर खेती के लिए सुझाव दिए हैं। संस्थान द्वारा दिए गए सुझाव किसानों को बेहतर क्वालिटी के साथ अधिक उपज प्राप्त करने में सहायक साबित हो सकते हैं।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको जुलाई महीने में खेती में क्या काम करें ताकि अधिक उपज का लाभ मिल सके और कृषि विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई माह में खेती के लिए कामों की जानकारी दी है, तो आइये जानते हैं, इसके बारे में।
यूपी के किसान इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम
उत्तर प्रदेश में जुलाई में सामान्य बारिश होने की संभावना है। इस दौरान किसान यह काम कर सकते हैं-
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान इस समय खरीफ मक्का की हाईब्रिड किस्मों की बुवाई कर सकते हैं। इसके लिए बीज दर 8 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से रखी जा सकती है।
- जुलाई के दूसरे सप्ताह में किसान बाजरा की बुवाई कर सकते हैं, इसके लिए बीज दर 2 किलोग्राम प्रति एकड़ रख सकते हैं।
- खरीफ सीजन के लिए सब्जियों की नर्सरी तैयार कर रहे किसानों को नर्सरी बेड ऊंचा रखकर सब्जियों की बुवाई करने की सलाह दी गई है।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान यदि मक्का की बुवाई करना चाहते है, तो उन्हें मक्का की फसल के लिए खेत की तैयारी करने की सलाह दी गई है जिससे बारिश खुलने पर किसान मक्का की बुवाई करें।
उत्तराखंड के किसान इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम
उत्तराखंड में इस माह सामान्य बारिश होने की संभावना है। ऐसे में यहां के किसान यह काम कर सकते हैं-
- किसानों को खरीफ सीजन की फसल जैसे- मक्का, सोयाबीन, रागी और अन्य दलहन फसलों की बुवाई जारी रख सकते हैं।
- इसके अलावा धान की रोपाई भी जारी रख सकते हैं। रागी व बार्नयार्ड मिलेट की बुवाई कर सकते हैं।
- फसल के खेतों में उचित जल निकासी बनाए रखने की सलाह दी गई है।
पंजाब के किसानों इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम
पंजाब में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। ऐसे किसान कुछ आवश्यक कार्य कर सकते हैं-
- कपास में गुलाबी बॉलवर्म कीट यानी गुलाबी सुड़ी के नियंत्रण के उचित उपाय कर सकते हैं।
- धान की फसल में जड़ गांठ सूत्रकृषि रोग के प्रबंधन के लिए सरसों की खली प्रति 40 ग्राम प्रति वर्ग मीटर को बुवाई से 10 दिन पहले अंतिम तैयारी की जुताई के बाद बारिश के बाद लगा सकते हैं।
महाराष्ट्र के किसान इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम-
- महाराष्ट्र के परभणी एरिया के किसान खरीफ ज्वार की बुवाई जुलाई माह में कर सकते हैं।
- सब्जियों में भिंडी, करेला, कद्दू व तुरई, बैंगन, टमाटर व मिर्च की 45 दिन पुरानी पौध का रोपण साफ मौसम में कर सकते हैं।
- विदर्भ एरिया में जिन क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश हुई है, वहां पर सोयाबीन, कपास, तुअर (अरहर), उर्द, ज्वार, मूंग आदि फसलों की बुवाई कर सकते हैं।
- सब्जियों में मिर्च, बैंगन व टमाटर की नर्सरी लगा सकते हैं।
- मध्य महाराष्ट्र के किसान उर्द, मूंग, तुअर (अरहर) और सोयाबीन फसलों की बुवाई जारी रख सकते हैं।
- प्याज, बैंगन, मिर्च और टमाटर की नर्सरी लगाने के लिए खेत की तैयारी कर सकते हैं। बीज बाेने के बाद हल्की सिंचाई के बाद आवश्यकतानुसार सिंचाई कर सकते हैं।
- कोंकण एरिया के किसान खरीफ धान की बुवाई कर सकते हैं।
- बारिश के मौसम और सामान्य से अधिक बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए धान की नर्सरी, हल्दी, मूंगफली, बागवानी और सब्जियों से अधिक पानी निकालने की सलाह दी जाती है।
- वहीं नए लगाए गए आम, काजू, नारियल और सुपारी को यांत्रिक समर्थन की सलाह दी जाती है।
छत्तीसगढ़ के किसान इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम
- छत्तीसगढ़ के किसान जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए खरीफ के सीजन में धान की उन्नत किस्मों के बीज की व्यवस्था कर सकते हैं।
- बारिश के मौसम की सब्जियां जैसे- भिंडी, मिर्च, खीरा, बैंगन, लौकी, फूलगोभी, मूली आदि की नर्सरी लगाने के लिए खेत की तैयारी कर सकते हैं और बीजों की व्यवस्था कर सकते हैं।
- वहीं अदरक, हल्दी, हाथी याम (जिमीकंद) और अरबी जैसी फसलों में मल्चिंग कर सकते हैं। इसी के साथ बारिश के मौसम से पहले निकासी चैनल बनाए रखने की सलाह दी जाती है।
हिमाचल प्रदेश के किसान इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सामान्य बारिश का अनुमान है। ऐसे में किसान अपनी कुछ फसलों में नीचे दिए गए उपाय कर सकते हैं-
- सब्जियों में खीरा और टमाटर में निराई और आवश्यकतानुसार सिंचाई करें।
- मूंग और कुल्थी की अनुशंसित किस्म की बुवाई की जा सकती है। इसके लिए बीज दर 8 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से रखी जा सकती है।
- मटर में जड़ सड़न रोग के नियंत्रण के लिए 10 ग्राम कार्बेन्डाजिम और 10 लीटर पानी में 1 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लिन का ड्रेसिंग की जा सकती है।
- कद्दू वर्गीय सब्जियों में डाउनी मिल्ड्यू रोग के नियंत्रण के लिए डाइथेन एम- 45 प्रति 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव किया जा सकता है।
जम्मू के किसान इस माह खेती में क्या कर सकते हैं काम
जम्मू में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई गई है। ऐसे यहां के किसानों को इस सप्ताह बारिश होने के बाद मक्का की बुवाई करने की सलाह दी जाती है। मक्का की बुवाई के लिए बीज की मात्रा 8 से 10 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर रखी जा सकती है।
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